तन देख्या अथिर घिनावना: Difference between revisions
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(राग सारंग)
तन देख्या अथिर घिनावना ।।तन. ।।टेक ।।
बाहर चाम चमक दिखलावै, माहीं मैल अपावना ।
बालक जवान बुढ़ापा मरना, रोगशोक उपजावना ।।१ ।।तन. ।।
अलख अमूरति नित्य निरंजन, एकरूप निज जानना ।
वरन फरस रस गंध न जाकै, पुन्य पाप विन मानना ।।२ ।।तन. ।।
करि विवेक उर धारि परीक्षा, भेद-विज्ञान विचारना ।
`बुधजन' तनतैं ममत मेटना, चिदानंद पद धारना ।।३ ।।तन. ।।