द्रव्य संग्रह - गाथा 22: Difference between revisions
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Latest revision as of 11:55, 17 May 2021
लोयायास पदे से इक्किक्के जे ठिया हु इक्केक्का ।
रयणाणं रासी इव ते कालाणू असंखदव्वाणि ।।22।।
अन्वय―इक्किक्के लोयायास पदे से रयणाणं रासी इव इक्का हु ठिया कालाणु ते असंखदव्वाणि ।
अर्थ―एक-एक लोकाकाश के प्रदेश पर रत्नों की राशि के समान भिन्न-भिन्न एक-एक स्थित कालद्रव्य हैं और वे असंख्यात हैं ।
प्रश्न 1-―कालद्रव्य को कालाणु क्यों कहते हैं?
उत्तर―कालद्रव्य एकप्रदेशी है अथवा परमाणु मात्र के प्रमाण का है, इसलिये इसे कालाणु कहते हैं ।
प्रश्न 2―अणु कितने तरह से होते हैं?
उत्तर―अणु चार प्रकार से देखे जाते हैं―(1) द्रव्याणु, (2) क्षेत्राणु, (3) कालाणु और भावाणु ।
प्रश्न 3―द्रव्याणु किसे कहते हैं?
उत्तर-―जो द्रव्य याने पिंडरूप से अणु हो वह द्रव्याणु है । द्रव्याणु परमाणु को कहते हैं । यह स्वतंत्र द्रव्य है ।
प्रश्न 4―क्षेत्राणु किसे कहते हैं?
उत्तर―जो क्षेत्र में अणु हो वह क्षेत्राणु है । क्षेत्राणु आकाश के एक प्रदेश को कहते हैं । यह स्वतंत्र द्रव्य नहीं है, किंतु आकाश द्रव्य का कल्पित देशांश है ।
प्रश्न 5―कालाणु किसे कहते हैं?
उत्तर―अणुप्रमाण कालद्रव्य को कालाणु कहते हैं । यह निश्चय कालद्रव्य है । समय में जो सबसे अणु हो उसे भी कालाणु कहते हैं यह समय नाम की पर्याय है ।
प्रश्न 6―भावाणु किसे कहते हैं?
उत्तर―जो भावरूप से अणु हो, सूक्ष्म हो वह भावाणु है भावाणु से तात्पर्य यहाँ चैतन्य से है, अभेदविवक्षा से भावाणु से जीव का भी ग्रहण होता है ।
प्रश्न 7―कालद्रव्य एक ही माना जावे और उसके प्रदेश असंख्यात मान लिये जावें तो धर्मद्रव्य की तरह इसकी व्यवस्था हो जावे ।
उत्तर―पदार्थों के परिणमन नाना प्रकार के होते हैं, उनके निमित्तभूत कालद्रव्य लोकाकाश के एक-एक प्रदेश पर स्थित हैं । कालद्रव्य असंख्यात ही हैं ।
प्रश्न 8―क्या कालद्रव्य उत्पादव्ययध्रौव्ययुक्त है?
उत्तर―कालद्रव्य उत्पादव्ययध्रौव्ययुक्त है । नवीन समय के पर्याय रूप से तो उत्पाद होता है और पूर्व समय पर्याय के व्यय रूप से व्यय होता है और उत्पाद व्यय के आधारभूत कालद्रव्य के रूप से ध्रौव्य है ।
प्रश्न 9―कालद्रव्य न मानकर केवल घड़ी घंटा समयादि व्यवहारकाल ही माना जावे तो इसमें क्या आपत्ति है?
उत्तर―व्यवहारकाल पर्याय है क्योंकि वह व्यतिरेकी है और क्षणिक है । उस व्यवहार काल का आधारभूत कोई द्रव्य है ही । इस आधारभूत द्रव्य का नाम कालद्रव्य रखा है ।
प्रश्न 10―वास्तव में तो कालद्रव्य का पर्याय समय ही है, समय समूहों में कल्पना करके मिनट घंटा आदि मान लिये, वे कैसे पर्याय हो सकते?
उत्तर―वास्तव में तो पर्याय समय ही है, अत: व्यवहारकाल भी वस्तुत: समय ही है तथापि वास्तविक समयों के समूह वाले मिनट घंटा आदि का व्यवहार उपयोगी होने से उसे सबको भी व्यवहारकाल कहा है । इस प्रकार कालद्रव्य का वर्णन करके षड᳭द्रव्यों में से जो-जो अस्तिकाय हैं उनका वर्णन किया जाता है―