ज्ञानार्णव - श्लोक 1390: Difference between revisions
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Latest revision as of 16:33, 2 July 2021
आयाति गतो वरुणे भौमे तत्रैव तिष्ठति सुखेन।
यात्यन्यत्र श्वसने मृति इहिवह्नौ समादेश्यम्।।1390।।
कोई पुरुष परदेश गया हुआ हो और उसका कोई प्रश्न करे तो प्रकार उत्तर होगा― प्रश्न करने वाला यदि जलमंडल पवन में प्रश्न करे याने प्रश्न का श्वास शीतल जलमंडल की मुद्रा का निकलता हो तो उत्तर होगा कि गया हुआ मनुष्य आता ही है। यदि पृथ्वीतत्त्व में प्रश्न किया, प्रश्न करने वाला श्वास की परीक्षा ले―यदि वह पृथ्वीतत्त्व में पूछ रहा है तो यह उत्तर होगा कि वह वहाँ ही रह रहा है जहाँ प्रदेश में गया है। यह उत्तर होगा। और कोई वायुमंडल तत्त्व की श्वास में प्रश्न पूछे तो उसका उत्तर हो गा कि जहाँ रहता था वहाँ से कहीं अन्यत्र चला गया है और अग्नितत्त्व में कोई प्रश्न करे तो उसका अशुभ उत्तर होगा।