परीक्षामुख: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(5 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | <span class="HindiText">आ. माणिक्यनंदि (ई. 1003) द्वारा संस्कृत भाषा में रचित सूत्रनिबद्ध न्यायविषयक ग्रंथ है। इसमें छह अधिकार हैं, और कुल 207 सूत्र हैं। इस पर दो टीकाएँ उपलब्ध हैं - प्रभाचंद्र सं. 4 (ई. 950-1020) कृत प्रमेयकमलमार्तंड नाम की संस्कृत टीका और पं. जयचंद छाबड़ा (ई. 1806) कृत भाषा टीका।</span> (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/41) | ||
[[परीक्षा | | <noinclude> | ||
[[ परीक्षा | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:प]] | [[ परीक्षित | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: प]] | |||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 16:17, 5 October 2022
आ. माणिक्यनंदि (ई. 1003) द्वारा संस्कृत भाषा में रचित सूत्रनिबद्ध न्यायविषयक ग्रंथ है। इसमें छह अधिकार हैं, और कुल 207 सूत्र हैं। इस पर दो टीकाएँ उपलब्ध हैं - प्रभाचंद्र सं. 4 (ई. 950-1020) कृत प्रमेयकमलमार्तंड नाम की संस्कृत टीका और पं. जयचंद छाबड़ा (ई. 1806) कृत भाषा टीका। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/41)