पंचशैलपुर: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> राजगृह नगर का दूसरा नाम । पाँच पर्वतों से युक्त होने के कारण यह नगर इस नाम से विख्यात है । पाँचों पर्वतो के नाम है—ऋषिगिरि, वैभार, विपुलाचल, बलाहक और पांडुक । यहाँ तीर्थंकर मुनिसुव्रत का जन्म हुआ था । इन्हीं पर्वतों पर तीर्थंकर वासुपूज्य को छोड़कर शेष तेईस तीर्थंकरों के समवसरण हुए है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.51-58 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> राजगृह नगर का दूसरा नाम । पाँच पर्वतों से युक्त होने के कारण यह नगर इस नाम से विख्यात है । पाँचों पर्वतो के नाम है—ऋषिगिरि, वैभार, विपुलाचल, बलाहक और पांडुक । यहाँ तीर्थंकर मुनिसुव्रत का जन्म हुआ था । इन्हीं पर्वतों पर तीर्थंकर वासुपूज्य को छोड़कर शेष तेईस तीर्थंकरों के समवसरण हुए है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_3#51|हरिवंशपुराण - 3.51-58]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
राजगृह नगर का दूसरा नाम । पाँच पर्वतों से युक्त होने के कारण यह नगर इस नाम से विख्यात है । पाँचों पर्वतो के नाम है—ऋषिगिरि, वैभार, विपुलाचल, बलाहक और पांडुक । यहाँ तीर्थंकर मुनिसुव्रत का जन्म हुआ था । इन्हीं पर्वतों पर तीर्थंकर वासुपूज्य को छोड़कर शेष तेईस तीर्थंकरों के समवसरण हुए है । हरिवंशपुराण - 3.51-58