निष्क्रमण: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> वैराग्य बुद्धि पूर्वक दीक्षा के लिए तीर्थंकरों के घर से निकलने तथा दीक्षा धारण करने पर होने वाला देवकृत विशिष्ट नृत्य । इसमें देवियां तीर्थंकरों के निष्क्रमण का प्रदर्शन करती है । इसका अपरनाम निष्क्रांति कल्याणक है । <span class="GRef"> महापुराण 14.134, 48. 37, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 3. 273, 278, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.55 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वैराग्य बुद्धि पूर्वक दीक्षा के लिए तीर्थंकरों के घर से निकलने तथा दीक्षा धारण करने पर होने वाला देवकृत विशिष्ट नृत्य । इसमें देवियां तीर्थंकरों के निष्क्रमण का प्रदर्शन करती है । इसका अपरनाम निष्क्रांति कल्याणक है । <span class="GRef"> महापुराण 14.134, 48. 37, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_3#273|पद्मपुराण - 3.273]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_3#278|पद्मपुराण - 3.278]], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#55|हरिवंशपुराण - 2.55]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
वैराग्य बुद्धि पूर्वक दीक्षा के लिए तीर्थंकरों के घर से निकलने तथा दीक्षा धारण करने पर होने वाला देवकृत विशिष्ट नृत्य । इसमें देवियां तीर्थंकरों के निष्क्रमण का प्रदर्शन करती है । इसका अपरनाम निष्क्रांति कल्याणक है । महापुराण 14.134, 48. 37, पद्मपुराण - 3.273,पद्मपुराण - 3.278, हरिवंशपुराण - 2.55