वाहिनी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) सेना का एक भेद― तीन गुल्म सेना का एक दल । इसमें इक्यासी रथ, इतने ही हाथी, चार सो पाँच फयादे तथा इतने ही घोड़े रहते हैं । <span class="GRef"> पद्मपुराण 56. 2-5, 8 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) सेना का एक भेद― तीन गुल्म सेना का एक दल । इसमें इक्यासी रथ, इतने ही हाथी, चार सो पाँच फयादे तथा इतने ही घोड़े रहते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_56#2|पद्मपुराण - 56.2-5]], 8 </span></p> | ||
<p id="2">(2) नदी के अर्थ में व्यहृत शब्द । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.16 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) नदी के अर्थ में व्यहृत शब्द । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#16|हरिवंशपुराण - 2.16]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
सेना का एक अंग। देखें सेना ।
पुराणकोष से
(1) सेना का एक भेद― तीन गुल्म सेना का एक दल । इसमें इक्यासी रथ, इतने ही हाथी, चार सो पाँच फयादे तथा इतने ही घोड़े रहते हैं । पद्मपुराण - 56.2-5, 8
(2) नदी के अर्थ में व्यहृत शब्द । हरिवंशपुराण - 2.16