वाहन
From जैनकोष
(1) ग्रामों का एक भेद । तीर्थंकर वृषभदेव के समय में पर्वतों पर बसे हुए ग्राम ‘‘वाहन’’ नाम से जाने जाते थे । पांडवपुराण 2.161
(2) पारिव्राज्य क्रियाओं से संबंधित चौबीसवाँ सूत्रपद । इसके अनुसार वाहनों का त्याग करके तपश्चरण करने वाला कमलों के मध्य में चरण रखने के योग्य हो जाता है । महापुराण 39.165, 193