मलय: Difference between revisions
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<li><div class="HindiText"> भरतक्षेत्र में मध्य आर्यखंड का एक पर्वत–देखें [[ मनुष्य#4 | मनुष्य - 4]]। </li> | <li><div class="HindiText"> भरतक्षेत्र में मध्य आर्यखंड का एक पर्वत–देखें [[ मनुष्य#4 | मनुष्य - 4]]। </li> | ||
<li><div class="HindiText"> मद्रास प्रेजिडेन्सी का मलाया प्रदेश | <li><div class="HindiText"> मद्रास प्रेजिडेन्सी का मलाया प्रदेश <span class="GRef">(कुरलकाव्य/प्रस्तावना 21)</span> </li> | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र का एक देश । भद्रिलपुर इसी देश का एक नगर था । लक्ष्मण ने इस पर विजय प्राप्त की थी । तीर्थंकर नेमिनाथ यहाँ विहार करते हुए आये थे । <span class="GRef"> महापुराण 56.23, 64, 71.293, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 55.28,94.6, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 33.157, 58.112 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) भरतक्षेत्र का एक देश । भद्रिलपुर इसी देश का एक नगर था । लक्ष्मण ने इस पर विजय प्राप्त की थी । तीर्थंकर नेमिनाथ यहाँ विहार करते हुए आये थे । <span class="GRef"> महापुराण 56.23, 64, 71.293, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_55#28|पद्मपुराण - 55.28]],94.6, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_33#157|हरिवंशपुराण - 33.157]], 58.112 </span></p> | ||
<p id="2">(2) राजा अचल का दूसरा पुत्र । <span class="GRef"> महापुराण 48.49 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) राजा अचल का दूसरा पुत्र । <span class="GRef"> महापुराण 48.49 </span></p> | ||
<p id="3">(3) राजा जरासंध के ज्येष्ठपुत्र कालयवन का हाथी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52.29 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) राजा जरासंध के ज्येष्ठपुत्र कालयवन का हाथी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_52#29|हरिवंशपुराण - 52.29]] </span></p> | ||
<p id="4">(4) उत्तम चंदन वृक्षों से संपन्न दक्षिण भरतक्षेत्र का एक पर्वत चक्रवर्ती भरतेश का सेनापति दिग्विजय के समय यहाँ आया था । <span class="GRef"> महापुराण 29.88, 30.26-28, 36, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 54.74 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) उत्तम चंदन वृक्षों से संपन्न दक्षिण भरतक्षेत्र का एक पर्वत चक्रवर्ती भरतेश का सेनापति दिग्विजय के समय यहाँ आया था । <span class="GRef"> महापुराण 29.88, 30.26-28, 36, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_54#74|हरिवंशपुराण - 54.74]] </span></p> | ||
<p id="5">(5) दशानन का पक्षधर एक नृप । <span class="GRef"> पद्मपुराण 10.28, 37 </span></p> | <p id="5" class="HindiText">(5) दशानन का पक्षधर एक नृप । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_10#28|पद्मपुराण - 10.28]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_10#37|पद्मपुराण - 10.37]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- भरतक्षेत्र में मध्य आर्यखंड का एक पर्वत–देखें मनुष्य - 4।
- मद्रास प्रेजिडेन्सी का मलाया प्रदेश (कुरलकाव्य/प्रस्तावना 21)
पुराणकोष से
(1) भरतक्षेत्र का एक देश । भद्रिलपुर इसी देश का एक नगर था । लक्ष्मण ने इस पर विजय प्राप्त की थी । तीर्थंकर नेमिनाथ यहाँ विहार करते हुए आये थे । महापुराण 56.23, 64, 71.293, पद्मपुराण - 55.28,94.6, हरिवंशपुराण - 33.157, 58.112
(2) राजा अचल का दूसरा पुत्र । महापुराण 48.49
(3) राजा जरासंध के ज्येष्ठपुत्र कालयवन का हाथी । हरिवंशपुराण - 52.29
(4) उत्तम चंदन वृक्षों से संपन्न दक्षिण भरतक्षेत्र का एक पर्वत चक्रवर्ती भरतेश का सेनापति दिग्विजय के समय यहाँ आया था । महापुराण 29.88, 30.26-28, 36, हरिवंशपुराण - 54.74
(5) दशानन का पक्षधर एक नृप । पद्मपुराण - 10.28,पद्मपुराण - 10.37