बीजबुद्धि: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) एक ऋद्धि । इसमें बीजों को स्पर्श किये बिना उन पर होकर चला जाता है । गौतम मुनि ने कठिन तपस्या से इस ऋद्धि को प्राप्त किया था । <span class="GRef"> महापुराण 11.80, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18.107 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) एक ऋद्धि । इसमें बीजों को स्पर्श किये बिना उन पर होकर चला जाता है । गौतम मुनि ने कठिन तपस्या से इस ऋद्धि को प्राप्त किया था । <span class="GRef"> महापुराण 11.80, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_18#107|हरिवंशपुराण - 18.107]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) आगम रूप बीज के धारक आचार्य गौतम । <span class="GRef"> महापुराण 2.67 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) आगम रूप बीज के धारक आचार्य गौतम । <span class="GRef"> महापुराण 2.67 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
देखें ऋद्धि - 2.2
पुराणकोष से
(1) एक ऋद्धि । इसमें बीजों को स्पर्श किये बिना उन पर होकर चला जाता है । गौतम मुनि ने कठिन तपस्या से इस ऋद्धि को प्राप्त किया था । महापुराण 11.80, हरिवंशपुराण - 18.107
(2) आगम रूप बीज के धारक आचार्य गौतम । महापुराण 2.67