मुनिधर्म: Difference between revisions
From जैनकोष
Jagrti jain (talk | contribs) mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> पंच महाव्रत, पंच समिति और त्रिगुप्तियों का धारण करना, परीषहों को सहना, अट्ठाईस मूलगुणों का पालन करना, सप्त भयों से रहित होना, | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पंच महाव्रत, पंच समिति और त्रिगुप्तियों का धारण करना, परीषहों को सहना, अट्ठाईस मूलगुणों का पालन करना, सप्त भयों से रहित होना, शंका आदि सम्यग्दर्शन के आठ दोषों से दूर रहना और चारित्र धर्म तथा अनुप्रेक्षा से युक्त होना मुनिधर्म है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_9#219|पद्मपुराण -9. 219]], 20. 149, 151, 37.165, 106.113-114 </span> <br> | ||
देखें [[ मुनि ]] </p> | |||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
पंच महाव्रत, पंच समिति और त्रिगुप्तियों का धारण करना, परीषहों को सहना, अट्ठाईस मूलगुणों का पालन करना, सप्त भयों से रहित होना, शंका आदि सम्यग्दर्शन के आठ दोषों से दूर रहना और चारित्र धर्म तथा अनुप्रेक्षा से युक्त होना मुनिधर्म है । पद्मपुराण -9. 219, 20. 149, 151, 37.165, 106.113-114
देखें मुनि