सुभानु: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) कृष्ण और उनकी सत्यभामा रानी का पुत्र। यह भानु का अनुज था। <span class="GRef"> महापुराण 72. 175-175 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.7, 69 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) कृष्ण और उनकी सत्यभामा रानी का पुत्र। यह भानु का अनुज था। <span class="GRef"> महापुराण 72. 175-175 </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_58#7|हरिवंशपुराण - 58.7]], 69 </span></p> | ||
<p>(ग्) हरिवंशी राजा। यह यवु का पुत्र और भीम का जनक था। <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18.3 </span></p> | <p>(ग्) हरिवंशी राजा। यह यवु का पुत्र और भीम का जनक था। <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_18#3|हरिवंशपुराण - 18.3]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) मथुरा के करोड़पति सेठ भानु और उनकी स्त्री यमुना का ज्येष्ठ पुत्र। इनके भानुकीर्ति, भानुषेण, शूर, शूरदेव, शूरदत्त और शूरसेन ये छ: छोटे भाई थे। इसने इन सभी भाइयों के साथ वरधर्म मुनि के पास दीक्षा ले ली थी। तप करते हुए यह समाधिमरण करके प्रथम स्वर्ग में त्रायस्त्रिंश देव हुआ। <span class="GRef"> महापुराण 71. 201-203, 234-243, 248, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 33.96-99, 126-127 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) मथुरा के करोड़पति सेठ भानु और उनकी स्त्री यमुना का ज्येष्ठ पुत्र। इनके भानुकीर्ति, भानुषेण, शूर, शूरदेव, शूरदत्त और शूरसेन ये छ: छोटे भाई थे। इसने इन सभी भाइयों के साथ वरधर्म मुनि के पास दीक्षा ले ली थी। तप करते हुए यह समाधिमरण करके प्रथम स्वर्ग में त्रायस्त्रिंश देव हुआ। <span class="GRef"> महापुराण 71. 201-203, 234-243, 248, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_33#96|हरिवंशपुराण - 33.96-99]], [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_33#126|126-127]] </span></p> | ||
<p id="4">(4) एक मुनिराज। राजा रतिवर्धन के दीक्षागुरु थे। <span class="GRef"> पद्मपुराण 108.35 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) एक मुनिराज। राजा रतिवर्धन के दीक्षागुरु थे। <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_108#35|पद्मपुराण - 108.35]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
(1) कृष्ण और उनकी सत्यभामा रानी का पुत्र। यह भानु का अनुज था। महापुराण 72. 175-175 हरिवंशपुराण - 58.7, 69
(ग्) हरिवंशी राजा। यह यवु का पुत्र और भीम का जनक था। हरिवंशपुराण - 18.3
(3) मथुरा के करोड़पति सेठ भानु और उनकी स्त्री यमुना का ज्येष्ठ पुत्र। इनके भानुकीर्ति, भानुषेण, शूर, शूरदेव, शूरदत्त और शूरसेन ये छ: छोटे भाई थे। इसने इन सभी भाइयों के साथ वरधर्म मुनि के पास दीक्षा ले ली थी। तप करते हुए यह समाधिमरण करके प्रथम स्वर्ग में त्रायस्त्रिंश देव हुआ। महापुराण 71. 201-203, 234-243, 248, हरिवंशपुराण - 33.96-99, 126-127
(4) एक मुनिराज। राजा रतिवर्धन के दीक्षागुरु थे। पद्मपुराण - 108.35