तडित्केश: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> लंका का एक राजा । श्रीचंद्रा इसकी रानी थी । यह किस्कुनगर के राजा महोदधि विद्याधर का अनन्य मित्र था । महोदधि के दीक्षित हो जाने के समाचार पाने से यह सुकेश नामक पुत्र को अपना राज्य सौंपकर दीक्षित हो गया और इसने रत्नत्रय की आराधना की । समाधिपूर्वक देह त्याग कर यह देव हुआ । इसका अपरनाम विद्युत्केश था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.218-242, 332-334 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> लंका का एक राजा । श्रीचंद्रा इसकी रानी थी । यह किस्कुनगर के राजा महोदधि विद्याधर का अनन्य मित्र था । महोदधि के दीक्षित हो जाने के समाचार पाने से यह सुकेश नामक पुत्र को अपना राज्य सौंपकर दीक्षित हो गया और इसने रत्नत्रय की आराधना की । समाधिपूर्वक देह त्याग कर यह देव हुआ । इसका अपरनाम विद्युत्केश था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_6#218|पद्मपुराण - 6.218-242]], 332-334 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
लंका का एक राजा । श्रीचंद्रा इसकी रानी थी । यह किस्कुनगर के राजा महोदधि विद्याधर का अनन्य मित्र था । महोदधि के दीक्षित हो जाने के समाचार पाने से यह सुकेश नामक पुत्र को अपना राज्य सौंपकर दीक्षित हो गया और इसने रत्नत्रय की आराधना की । समाधिपूर्वक देह त्याग कर यह देव हुआ । इसका अपरनाम विद्युत्केश था । पद्मपुराण - 6.218-242, 332-334