मरुदेवी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> अंतिम कुलकर नाभिराय की पटरानी और प्रथम तीर्थंकर वृषभदेव की जननी । यह अक्षर-आलेखन, गीत-वाद्य, गणित, आगम, विज्ञान और कला कौशल में निपुण थी । <span class="GRef"> महापुराण 12. 9-12, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_3#91|पद्मपुराण - 3.91-95]], 20. 37, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 8.6, 43, 103 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 2. 108-132 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> अंतिम कुलकर नाभिराय की पटरानी और प्रथम तीर्थंकर वृषभदेव की जननी । यह अक्षर-आलेखन, गीत-वाद्य, गणित, आगम, विज्ञान और कला कौशल में निपुण थी । <span class="GRef"> महापुराण 12. 9-12, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_3#91|पद्मपुराण - 3.91-95]], 20. 37, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_8#6|हरिवंशपुराण - 8.6]], 43, 103 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 2. 108-132 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से ==
भगवान् ऋषभनाथ की माता–देखें तीर्थंकर - 5।
पुराणकोष से
अंतिम कुलकर नाभिराय की पटरानी और प्रथम तीर्थंकर वृषभदेव की जननी । यह अक्षर-आलेखन, गीत-वाद्य, गणित, आगम, विज्ञान और कला कौशल में निपुण थी । महापुराण 12. 9-12, पद्मपुराण - 3.91-95, 20. 37, हरिवंशपुराण - 8.6, 43, 103 पांडवपुराण 2. 108-132