निवृत्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> | <p><span class="GRef"> समयसार / तात्पर्यवृत्ति/306/388/11 </span><span class="SanskritText">बहिरंगविषयकषायादीहागतचित्तस्य निवर्तनं निवृत्ति:। </span>=<span class="HindiText">बहिरंग विषय कषाय आदि रूप अभिलाषा को प्राप्त चित्त का त्याग करना अर्थात् अभिलाषाओं का त्याग करना निवृत्ति है। </span></p> | ||
<ul> | <ul> | ||
<li class="HindiText"> प्रवृत्ति में भी निवृत्ति का अंश</li> | <li class="HindiText"> प्रवृत्ति में भी निवृत्ति का अंश</li> | ||
<li class="HindiText"> प्रवृत्ति व निवृत्ति से | <li class="HindiText"> प्रवृत्ति व निवृत्ति से अतीत—देखें [[ संवर#2 | संवर - 2]]। तीसरी भूमिका ही श्रेय है—देखें [[ धर्म#3.2 | धर्म - 3.2]]। </li> | ||
</ul> | </ul> | ||
<p> </p> | <p> </p> | ||
[[निलय | | <noinclude> | ||
[[ निलय | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:न]] | [[ निशि भोजन कथा | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: न]] | |||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 15:56, 17 September 2022
समयसार / तात्पर्यवृत्ति/306/388/11 बहिरंगविषयकषायादीहागतचित्तस्य निवर्तनं निवृत्ति:। =बहिरंग विषय कषाय आदि रूप अभिलाषा को प्राप्त चित्त का त्याग करना अर्थात् अभिलाषाओं का त्याग करना निवृत्ति है।
- प्रवृत्ति में भी निवृत्ति का अंश
- प्रवृत्ति व निवृत्ति से अतीत—देखें संवर - 2। तीसरी भूमिका ही श्रेय है—देखें धर्म - 3.2।