शंका: Difference between revisions
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<span class="HindiText">=शंका, भी, साध्वस, भीति और भय - ये शब्द एकार्थ वाचक हैं।</span></p> | <span class="HindiText">=शंका, भी, साध्वस, भीति और भय - ये शब्द एकार्थ वाचक हैं।</span></p> | ||
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<li class="HindiText">सामान्य अतिचार का एक भेद-देखें [[ अतिचार#1 | अतिचार - 1 ]]।</span></li> | <li class="HindiText">सामान्य अतिचार का एक भेद-देखें [[ अतिचार#1 | अतिचार - 1 ]]।</span></li> | ||
<li class="HindiText">लघु व दीर्घ शंका विधि-देखें [[ समिति#1.7 | समिति - 1.7 ]]</span></li> | <li class="HindiText">लघु व दीर्घ शंका विधि-देखें [[ समिति#1.7 | समिति - 1.7 ]]</span></li> |
Latest revision as of 10:51, 1 March 2024
- (नियमसार / तात्पर्यवृत्ति/5) शंका हि सकलमोहरागद्वेषादय:। =शंका अर्थात् सकल मोहराग द्वेषादिक (दोष)।
- सामान्य अतिचार का एक भेद-देखें अतिचार - 1 ।
- लघु व दीर्घ शंका विधि-देखें समिति - 1.7
- सम्यग्दर्शन के शंका अतिचार व संशय मिथ्यात्व में अंतर-देखें संशय - 5।
(पंचाध्यायी / उत्तरार्ध/481) शंका भी: साध्वसं भीतिर्भयमेकाभिधा अमी । =शंका, भी, साध्वस, भीति और भय - ये शब्द एकार्थ वाचक हैं।
(दर्शनपाहुड़/ पं.जयचंद/2/10)
शंका नाम संशय का भी है और भय का भी। और भी देखें नि:शंकित।