रत्नमुक्तावली व्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | <span class="GRef"> हरिवंशपुराण/34/72-73 </span>एक उपवास, एक पारणा, दो उपवास, एक पारणा, एक उपवास, एक पारणा इत्यादि नीचे लिखी संख्या के अनुसार 284 उपवास करें और बीच के (,) वाले स्थानों में एक एक पारणा करें । यंत्र - 1,2,1,3,1,4,1,5,1,6,1,7,1,8,1,9,1,10,1,11,1,12,1,13,1,14,1,15,1,16,1,15,1,14,1,13,1,12,1,11,1,10,1,9,1,8,1,7,1,6,1,5,1,4,1,3,1,2,1, । | ||
<noinclude> | |||
[[ | [[ रत्नमुक्तावली | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:र]] | [[ रत्नरथ | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: र]] | |||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 19:13, 13 October 2022
हरिवंशपुराण/34/72-73 एक उपवास, एक पारणा, दो उपवास, एक पारणा, एक उपवास, एक पारणा इत्यादि नीचे लिखी संख्या के अनुसार 284 उपवास करें और बीच के (,) वाले स्थानों में एक एक पारणा करें । यंत्र - 1,2,1,3,1,4,1,5,1,6,1,7,1,8,1,9,1,10,1,11,1,12,1,13,1,14,1,15,1,16,1,15,1,14,1,13,1,12,1,11,1,10,1,9,1,8,1,7,1,6,1,5,1,4,1,3,1,2,1, ।