विसदृश प्रत्यभिज्ञान: Difference between revisions
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Latest revision as of 13:42, 31 January 2023
न्यायदीपिका/3/9/56/9 तदिदमेकत्व सादृश्य तृतीये तु पुनः वैसा दृश्यम् ... प्रत्यभिज्ञानम् । एवमन्येऽपि प्रत्यभिज्ञाभेदा यथाप्रतीति स्वयमुत्पेक्ष्या । = वस्तुओं में रहने वाली
- एकता
- सादृशता और
- विसदृशता प्रत्यभिज्ञान के विषय हैं । इसी प्रकार और भी प्रत्यभिज्ञान के भेद अपने अनुभव से स्वयं विचार लेना ।
देखें प्रत्यभिज्ञान ।