लोकपंक्ति: Difference between revisions
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Latest revision as of 09:44, 2 November 2022
योगसार अमितगति/अ./8/20 आराधनाय लोकानां मलिनेनांतरात्मना । क्रियते या क्रिया बालैर्लोकपंक्तिरसौ मता ।20। = अंतरात्मा के मलिन होने से मूर्ख लोग जो लोक को रंजायमान करने के लिए क्रिया करते हैं उसे लोकपंक्ति कहते हैं ।