लोकनाडी
From जैनकोष
लोक के मध्य में स्थित एक चौदह राजू ऊँची और एक राजू चौड़ी नाडी । त्रस जीवों के रहने से इसे त्रसनाडी भी कहते हैं । महापुराण 5.177, 48.16
लोक के मध्य में स्थित एक चौदह राजू ऊँची और एक राजू चौड़ी नाडी । त्रस जीवों के रहने से इसे त्रसनाडी भी कहते हैं । महापुराण 5.177, 48.16