स्वक्षेत्र: Difference between revisions
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Latest revision as of 16:47, 28 February 2024
राजवार्तिक/ हिंदी/1/6/49
देह प्रमाण संकोच विस्तार लिये (जीव प्रदेश) क्षेत्र हैं।
राजवार्तिक/ हिंदी/9/7/672
जन्म योनि के भेद करि (जीव) लोक में उपजै, लोक कूं स्पर्शे सो परक्षेत्र संसार है।
अधिक जानकारी के लिये देखें क्षेत्र - 1.8।