सदृश: Difference between revisions
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</span>=<span class="HindiText">जैसे जीव का ज्ञानरूपपरिणामते परिणमन करता हुआ प्रतिसमय ज्ञानरूप ही रहता है। यही ज्ञानत्व जाति का उल्लंघन न करने से सदृश का उदाहरण है।</span> | </span>=<span class="HindiText">जैसे जीव का ज्ञानरूपपरिणामते परिणमन करता हुआ प्रतिसमय ज्ञानरूप ही रहता है। यही ज्ञानत्व जाति का उल्लंघन न करने से सदृश का उदाहरण है।</span> | ||
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Latest revision as of 11:25, 1 October 2022
- एक ग्रह ‒देखें ग्रह ।
- पंचाध्यायी / पूर्वार्ध 327
जीवस्य यथा ज्ञानं परिणाम: परिणमस्तदेवेति। सदृशस्योदाहृतिरितिजातेरनतिक्रमत्वतो वाच्या।327। =जैसे जीव का ज्ञानरूपपरिणामते परिणमन करता हुआ प्रतिसमय ज्ञानरूप ही रहता है। यही ज्ञानत्व जाति का उल्लंघन न करने से सदृश का उदाहरण है।