सद्गृहमेधि-धर्म
From जैनकोष
गृहस्थ-धर्म । दान, पूजा, शील और प्रोषध― ये चार कार्य करना सद्गृहस्थ का धर्म है । चक्रवर्ती भरतेश ने इनके छ: धर्म बताये हैं । वे हैं― इज्या, वार्ता, दत्ति, स्वाध्याय, संयम और तप । महापुराण 8.173, 38-24, 41.104, देखें गृहस्थधर्म