अंगद: Difference between revisions
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<p id="3">(3) सुग्रीव और सुतारा का दूसरा पुत्र, अंग का छोटा भाई । यह राम का पराक्रमी योद्धा था । पद्मपुराण 10.11-12, 58.12-17 रावण के योद्धा मय के साथ इसने युद्ध किया था । पद्मपुराण 62.37 लंका जाकर इसने साधना में लीन रावण पर उपसर्ग किये थे और रावण की रानियों को सताया था । पद्मपुराण 71.45-93 यह अनेक विद्याओं से युक्त था, विद्याधरों का स्वामी था, राम का मंत्री था और मायामय बुद्ध करने में प्रवीण था । रावण के पक्षधर | <p id="3" class="HindiText">(3) सुग्रीव और सुतारा का दूसरा पुत्र, अंग का छोटा भाई । यह राम का पराक्रमी योद्धा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_10#11|पद्मपुराण - 10.11-12]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_58#12|पद्मपुराण - 58.12-17]] </span>रावण के योद्धा मय के साथ इसने युद्ध किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_62#37|पद्मपुराण - 62.37]] </span>लंका जाकर इसने साधना में लीन रावण पर उपसर्ग किये थे और रावण की रानियों को सताया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_71#45|पद्मपुराण - 71.45-93]] </span>यह अनेक विद्याओं से युक्त था, विद्याधरों का स्वामी था, राम का मंत्री था और मायामय बुद्ध करने में प्रवीण था । रावण के पक्षधर इंद्रक्रेतु के साथ इसने भयंकर युद्ध किया था । <span class="GRef"> महापुराण 68.620-622, 683, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_54#34|पद्मपुराण - 54.34-35]] </span>।</p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
( पद्मपुराण सर्ग 10/12)
सुग्रीव का द्वितीय पुत्र।
पुराणकोष से
(1) स्त्री-पुरुष दोनों के द्वारा प्रयुक्य बाहुओं का आभूषण । महापुराण 3.27, 7.235, 11.44
(2) इस नाम का एक राजा । इसने कृष्ण और जरासंध के युद्ध ने कृष्ण का पक्ष लिया था । हरिवंशपुराण - 71.73-77
(3) सुग्रीव और सुतारा का दूसरा पुत्र, अंग का छोटा भाई । यह राम का पराक्रमी योद्धा था । पद्मपुराण - 10.11-12,पद्मपुराण - 58.12-17 रावण के योद्धा मय के साथ इसने युद्ध किया था । पद्मपुराण - 62.37 लंका जाकर इसने साधना में लीन रावण पर उपसर्ग किये थे और रावण की रानियों को सताया था । पद्मपुराण - 71.45-93 यह अनेक विद्याओं से युक्त था, विद्याधरों का स्वामी था, राम का मंत्री था और मायामय बुद्ध करने में प्रवीण था । रावण के पक्षधर इंद्रक्रेतु के साथ इसने भयंकर युद्ध किया था । महापुराण 68.620-622, 683, पद्मपुराण - 54.34-35 ।