गुणनिधि: Difference between revisions
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<p> एक चारण ऋद्धिधारी मुनि । इन्होंने दुर्गागिरि के शिखर पर आहार-परित्याग कर चार मास का वर्षायोग धारण किया था । वर्षायोग के पश्चात् ये आकाश मार्ग से अन्यत्र विहार कर गये थे । पद्मपुराण 85.139-140</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक चारण ऋद्धिधारी मुनि । इन्होंने दुर्गागिरि के शिखर पर आहार-परित्याग कर चार मास का वर्षायोग धारण किया था । वर्षायोग के पश्चात् ये आकाश मार्ग से अन्यत्र विहार कर गये थे ।</span> <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_85#139|पद्मपुराण - 85.139-140]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
एक चारण ऋद्धिधारी मुनि । इन्होंने दुर्गागिरि के शिखर पर आहार-परित्याग कर चार मास का वर्षायोग धारण किया था । वर्षायोग के पश्चात् ये आकाश मार्ग से अन्यत्र विहार कर गये थे । पद्मपुराण - 85.139-140