गुणनिधि
From जैनकोष
एक चारण ऋद्धिधारी मुनि । इन्होंने दुर्गागिरि के शिखर पर आहार-परित्याग कर चार मास का वर्षायोग धारण किया था । वर्षायोग के पश्चात् ये आकाश मार्ग से अन्यत्र विहार कर गये थे । पद्मपुराण - 85.139-140
एक चारण ऋद्धिधारी मुनि । इन्होंने दुर्गागिरि के शिखर पर आहार-परित्याग कर चार मास का वर्षायोग धारण किया था । वर्षायोग के पश्चात् ये आकाश मार्ग से अन्यत्र विहार कर गये थे । पद्मपुराण - 85.139-140