त्रिलोकसारयत: Difference between revisions
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<p> एक व्रत । इसमें क्रमश: 5, 4, 3, 2, 1, 2, 3, 4, 3, 2, 1 । इस प्रकार कुल 30 उपवास तथा 11 पारणाएँ की जाती है । हरिवंशपुराण 34.59-61</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक व्रत । इसमें क्रमश: 5, 4, 3, 2, 1, 2, 3, 4, 3, 2, 1 । इस प्रकार कुल 30 उपवास तथा 11 पारणाएँ की जाती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_34#59|हरिवंशपुराण - 34.59-61]] </span></p> | ||
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एक व्रत । इसमें क्रमश: 5, 4, 3, 2, 1, 2, 3, 4, 3, 2, 1 । इस प्रकार कुल 30 उपवास तथा 11 पारणाएँ की जाती है । हरिवंशपुराण - 34.59-61