त्रिलोकसारयत
From जैनकोष
एक व्रत । इसमें क्रमश: 5, 4, 3, 2, 1, 2, 3, 4, 3, 2, 1 । इस प्रकार कुल 30 उपवास तथा 11 पारणाएँ की जाती है । हरिवंशपुराण - 34.59-61
एक व्रत । इसमें क्रमश: 5, 4, 3, 2, 1, 2, 3, 4, 3, 2, 1 । इस प्रकार कुल 30 उपवास तथा 11 पारणाएँ की जाती है । हरिवंशपुराण - 34.59-61