पर्याप्त: Difference between revisions
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<p id="2">(2) पर्याप्ति की अवस्था को प्राप्त जीव । पद्मपुराण 105.145</p> | <p id="2" class="HindiText">(2) पर्याप्ति की अवस्था को प्राप्त जीव । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_105#145|पद्मपुराण - 105.145]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
(1) जीव की एक अवस्था । इसमें उसकी सभी पर्याप्तियाँ पूर्ण होती है । महापुराण 10. 65, 1724
(2) पर्याप्ति की अवस्था को प्राप्त जीव । पद्मपुराण - 105.145