मुनि: Difference between revisions
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<p><span class="GRef"> चारित्रसार/46/5 </span><p class="SanskritText">मुनयोऽवधिमनःपर्ययकेवलज्ञानिनश्च कथ्यंते।</p> <p class="HindiText"> = अवधिज्ञानी, मनःपर्ययज्ञानी और केवलज्ञानियों को मुनि कहते हैं।</p> | |||
<p class="HindiText">देखें [[ साधु#1 | साधु - 1]]–(श्रमण, संयत, ऋषि, मुनि, साधु, वीतराग, अनगार, भदंत, दांत, यति ये एकार्थवाची हैं)।</p> | |||
<p class="HindiText">* मुनि के भेद व विषय–देखें [[ साधु ]]।</p> | |||
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Latest revision as of 22:13, 22 March 2023
समयसार / आत्मख्याति/151
मननमात्रभावतया मुनिः।
= मननमात्र भाव स्वरूप होने से मुनि है।
चारित्रसार/46/5
मुनयोऽवधिमनःपर्ययकेवलज्ञानिनश्च कथ्यंते।
= अवधिज्ञानी, मनःपर्ययज्ञानी और केवलज्ञानियों को मुनि कहते हैं।
देखें साधु - 1–(श्रमण, संयत, ऋषि, मुनि, साधु, वीतराग, अनगार, भदंत, दांत, यति ये एकार्थवाची हैं)।
* मुनि के भेद व विषय–देखें साधु ।