स्तेनाहृतादान: Difference between revisions
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<p> अचौर्य अणुव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । चोरों के द्वारा चुराकर लाई हुई वस्तु को खरीदना, खरिदवाना तथा खरीदने वालों को अनुमोदना करना स्तेनाहृतादान है । हरिवंशपुराण 58.171</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> अचौर्य अणुव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । चोरों के द्वारा चुराकर लाई हुई वस्तु को खरीदना, खरिदवाना तथा खरीदने वालों को अनुमोदना करना स्तेनाहृतादान है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_58#171|हरिवंशपुराण - 58.171]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
अचौर्य अणुव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । चोरों के द्वारा चुराकर लाई हुई वस्तु को खरीदना, खरिदवाना तथा खरीदने वालों को अनुमोदना करना स्तेनाहृतादान है । हरिवंशपुराण - 58.171