स्तेनाहृतादान
From जैनकोष
अचौर्य अणुव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । चोरों के द्वारा चुराकर लाई हुई वस्तु को खरीदना, खरिदवाना तथा खरीदने वालों को अनुमोदना करना स्तेनाहृतादान है । हरिवंशपुराण - 58.171
अचौर्य अणुव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । चोरों के द्वारा चुराकर लाई हुई वस्तु को खरीदना, खरिदवाना तथा खरीदने वालों को अनुमोदना करना स्तेनाहृतादान है । हरिवंशपुराण - 58.171