अवच्छिन्न: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(5 intermediate revisions by 4 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>अन्य | <p class="HindiText">अन्य धर्मों में व्यावृत्ति पूर्वक निज स्वरूप का निश्चय कराने वाले धर्म विशेष की संयुक्तता को अवच्छिन्न कहते हैं। जैसे - घट `घटत्व' धर्म से अवच्छिन्न है, क्योंकि यह धर्म, पटत्व धर्म से व्यावृत्ति पूर्वक घट के स्वरुप का निश्चय कराता है। इतना विशेष है कि `त्व' प्रत्यय युक्त सामान्य धर्म की संयुक्तता ही यहाँ इष्ट है; लाल, नीले आदि विशेष धर्मों की नहीं।</p> | ||
Line 9: | Line 9: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 15:52, 27 December 2022
अन्य धर्मों में व्यावृत्ति पूर्वक निज स्वरूप का निश्चय कराने वाले धर्म विशेष की संयुक्तता को अवच्छिन्न कहते हैं। जैसे - घट `घटत्व' धर्म से अवच्छिन्न है, क्योंकि यह धर्म, पटत्व धर्म से व्यावृत्ति पूर्वक घट के स्वरुप का निश्चय कराता है। इतना विशेष है कि `त्व' प्रत्यय युक्त सामान्य धर्म की संयुक्तता ही यहाँ इष्ट है; लाल, नीले आदि विशेष धर्मों की नहीं।