अवघाटक
From जैनकोष
यष्टि विशेष (माला) । इसके बीच में एक बड़ा मणि तथा उसके दोनों ओर क्रमश: घटते हुए मोती होते हैं । महापुराण 16.52-53
यष्टि विशेष (माला) । इसके बीच में एक बड़ा मणि तथा उसके दोनों ओर क्रमश: घटते हुए मोती होते हैं । महापुराण 16.52-53