कार्य परमाणु: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
देखें [[ परमाणु ]]। | <span class="GRef"> पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/80/136/17 </span><span class="SanskritText">योऽसौ स्कंधानां भेदको भणितः स कार्य परमाणुरुच्यते यस्तु कारकस्तेषां स कारणंपरमाणुरिति। </span>=<span class="HindiText"> स्कंधों के भेद को करनेवाला परमाणु तो '''कार्यपरमाणु''' है और स्कंधों का निर्माण करनेवाला कारणपरमाणु है। अर्थात् स्कंध के विघटन से उत्पन्न होनेवाला '''कार्यपरमाणु''' और जिन परमाणुओं के मिलने से कोई स्कंध बने वे कारणपरमाणु हैं </span> | ||
<span class="HindiText"> देखें [[ परमाणु ]]।</span> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 10: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 13:53, 13 March 2023
पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/80/136/17 योऽसौ स्कंधानां भेदको भणितः स कार्य परमाणुरुच्यते यस्तु कारकस्तेषां स कारणंपरमाणुरिति। = स्कंधों के भेद को करनेवाला परमाणु तो कार्यपरमाणु है और स्कंधों का निर्माण करनेवाला कारणपरमाणु है। अर्थात् स्कंध के विघटन से उत्पन्न होनेवाला कार्यपरमाणु और जिन परमाणुओं के मिलने से कोई स्कंध बने वे कारणपरमाणु हैं
देखें परमाणु ।