कार्य परमाणु
From जैनकोष
पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/80/136/17 योऽसौ स्कंधानां भेदको भणितः स कार्य परमाणुरुच्यते यस्तु कारकस्तेषां स कारणंपरमाणुरिति। = स्कंधों के भेद को करनेवाला परमाणु तो कार्यपरमाणु है और स्कंधों का निर्माण करनेवाला कारणपरमाणु है। अर्थात् स्कंध के विघटन से उत्पन्न होनेवाला कार्यपरमाणु और जिन परमाणुओं के मिलने से कोई स्कंध बने वे कारणपरमाणु हैं
देखें परमाणु ।