त्रिकूट: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) पूर्व विदेहक्षेत्र का वक्षारगिरि । <span class="GRef"> महापुराण 63. 202, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.229 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) पूर्व विदेहक्षेत्र का वक्षारगिरि । <span class="GRef"> महापुराण 63. 202, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#229|हरिवंशपुराण - 5.229]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) लवणसमुद्र के राक्षस द्वीप का मध्यवर्ती, चूड़ाकार शिखर से युक्त, नौ योजन उत्तुंग और पचास योजन विस्तृत लंका का आधारभूत एक पर्वत । <span class="GRef"> महापुराण 4.127, 30. 26, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 5.152-158 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) लवणसमुद्र के राक्षस द्वीप का मध्यवर्ती, चूड़ाकार शिखर से युक्त, नौ योजन उत्तुंग और पचास योजन विस्तृत लंका का आधारभूत एक पर्वत । <span class="GRef"> महापुराण 4.127, 30. 26, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#152|पद्मपुराण - 5.152-158]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
(1) पूर्व विदेहक्षेत्र का वक्षारगिरि । महापुराण 63. 202, हरिवंशपुराण - 5.229
(2) लवणसमुद्र के राक्षस द्वीप का मध्यवर्ती, चूड़ाकार शिखर से युक्त, नौ योजन उत्तुंग और पचास योजन विस्तृत लंका का आधारभूत एक पर्वत । महापुराण 4.127, 30. 26, पद्मपुराण - 5.152-158