त्रिकूट
From जैनकोष
(1) पूर्व विदेहक्षेत्र का वक्षारगिरि । महापुराण 63. 202, हरिवंशपुराण - 5.229
(2) लवणसमुद्र के राक्षस द्वीप का मध्यवर्ती, चूड़ाकार शिखर से युक्त, नौ योजन उत्तुंग और पचास योजन विस्तृत लंका का आधारभूत एक पर्वत । महापुराण 4.127, 30. 26, पद्मपुराण - 5.152-158