दत्ति: Difference between revisions
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<p> द्विज की छ: वृत्तियों में एक वृत्ति-दान । इसके चार भेद किये गये हैं― दयादत्ति, पात्रदत्ति, समदत्ति और अन्वयदत्ति । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 38. 35-36 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> द्विज की छ: वृत्तियों में एक वृत्ति-दान । इसके चार भेद किये गये हैं― दयादत्ति, पात्रदत्ति, समदत्ति और अन्वयदत्ति । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_38#35|हरिवंशपुराण - 38.35-36]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
देखें दान ।
पुराणकोष से
द्विज की छ: वृत्तियों में एक वृत्ति-दान । इसके चार भेद किये गये हैं― दयादत्ति, पात्रदत्ति, समदत्ति और अन्वयदत्ति । हरिवंशपुराण - 38.35-36