पंचाल: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(4 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> वृषभदेव के समय में | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित देश । तीर्थंकर वृषभदेव नेमिनाथ और महावीर ने यहाँ विहार किया था । भरतेश ने इस देश को अपने अधीन किया । इसका अपरनाम पांचाल था । <span class="GRef"> महापुराण 16.148, 153, 25.287 । 29.40, 37.16,</span> <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_3#3|हरिवंशपुराण - 3.3]], 4.54 59.110 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित देश । तीर्थंकर वृषभदेव नेमिनाथ और महावीर ने यहाँ विहार किया था । भरतेश ने इस देश को अपने अधीन किया । इसका अपरनाम पांचाल था । महापुराण 16.148, 153, 25.287 । 29.40, 37.16, हरिवंशपुराण - 3.3, 4.54 59.110