पंचाल
From जैनकोष
वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित देश । तीर्थंकर वृषभदेव नेमिनाथ और महावीर ने यहाँ विहार किया था । भरतेश ने इस देश को अपने अधीन किया । इसका अपरनाम पांचाल था । महापुराण 16.148, 153, 25.287 । 29.40, 37.16, हरिवंशपुराण - 3.3, 4.54 59.110