वीर्य लब्धि: Difference between revisions
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Latest revision as of 22:35, 17 November 2023
तत्त्वार्थसूत्र/2/5 लब्ध्यः ... पंच (क्षायोपशमिक्य: दानलब्धिर्लाभलब्धिर्भोगलब्धिरुपभोगलब्धिर्वीर्यलब्धिश्चेति। राजवार्तिक )। = पाँच लब्धि होती हैं - (दानलब्धि, लाभलब्धि, भोगलब्धि, उपभोगलब्धि, और वीर्यलब्धि। ये पाँच लब्धियाँ दानांतराय आदि के क्षयोपशम से होती हैं।
देखें लब्धि - 1।