वीर्य प्रवाद
From जैनकोष
राजवार्तिक/1/20/12/-74/11 से 78/2 तक तत्र पूर्वगतं चतुर्दशप्रकारम् ।... छद्मस्थकेवलिनां वीर्यंसुरेंद्रदैत्याधिपानां ऋद्धयो नरेंद्रचक्रधरबलदेवानां च वीर्यलाभो द्रव्याणां सम्यक्त्वलक्षणं च यत्राभिहितं तद्वीर्यप्रवादम् । ..... । =पूर्वगत के उत्पादपूर्व आदि चौदह भेद हैं।....
वीर्यप्रवाद में छद्मस्थ और केवली की शक्ति सुरेंद्र असुरेंद्र आदि की ऋद्धियाँ नरेंद्र चक्रवर्ती बलदेव आदि की सामर्थ्य द्रव्यों के लक्षण आदि का निरूपण है।
श्रुतज्ञान का तीसरा पूर्व–देखें श्रुतज्ञान - III।