कनकोज्ज्वल: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(17 intermediate revisions by 4 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
= | | ||
( महापुराण/74/220-229 ) | <span class="HindiText"> महावीर भगवान् का पूर्व का नवमा भव। एक विद्याधर था। सिद्धांतकोष से <span class="GRef">( महापुराण/74/220-229) | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 12: | Line 12: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<span class="HindiText"> (1) विदेहक्षेत्र के मंगलावती देश में स्थित कनकप्रभ नगर का विद्याधर राजा कनकपुंख और उसकी रानी कनकमाला का पुत्र । यह एक समय अपनी भार्या कनकवती के साथ वंदनार्थ मेरु पर गया था । वहाँ प्रियमित्र नामक अवधि-ज्ञानी मुनि से धर्म का स्वरूप सुनकर और भोगो से विरक्त होकर इसने जिन-दीक्षा धारण कर ली थी तथा संयमपूर्वक मरण कर सातवें स्वर्ग में देव तथा वहाँ से च्युत होकर साकेत नगरी मे वज्रसेन का हरिषेण नामक पुत्र हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 74.221-232, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 4.72-123 </span></br> (2) भगवान् महावीर के नौवें पूर्वभव का जीव । <span class="GRef"> महापुराण 74. 220-229, 76.541 </span> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 24: | Line 23: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 22:17, 17 November 2023
महावीर भगवान् का पूर्व का नवमा भव। एक विद्याधर था। सिद्धांतकोष से ( महापुराण/74/220-229)
पुराणकोष से
(1) विदेहक्षेत्र के मंगलावती देश में स्थित कनकप्रभ नगर का विद्याधर राजा कनकपुंख और उसकी रानी कनकमाला का पुत्र । यह एक समय अपनी भार्या कनकवती के साथ वंदनार्थ मेरु पर गया था । वहाँ प्रियमित्र नामक अवधि-ज्ञानी मुनि से धर्म का स्वरूप सुनकर और भोगो से विरक्त होकर इसने जिन-दीक्षा धारण कर ली थी तथा संयमपूर्वक मरण कर सातवें स्वर्ग में देव तथा वहाँ से च्युत होकर साकेत नगरी मे वज्रसेन का हरिषेण नामक पुत्र हुआ । महापुराण 74.221-232, वीरवर्द्धमान चरित्र 4.72-123
(2) भगवान् महावीर के नौवें पूर्वभव का जीव । महापुराण 74. 220-229, 76.541