पर्व: Difference between revisions
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व्यवहार काल का एक भेद । चौरासी लाख पूर्वांग का एक पर्व है। यह संख्या का भी एक भेद है। | |||
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<p id="2">(2) आष्टाह्निक जिन-पूजा । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18.99 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) आष्टाह्निक जिन-पूजा । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_18#99|हरिवंशपुराण - 18.99]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:12, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- सर्वार्थसिद्धि/7/21/361/3 प्रोषधशब्दः पर्ववाची। = प्रोषध का अर्थ पर्व है।
- महापुराण 3. 147,219
व्यवहार काल का एक भेद । चौरासी लाख पूर्वांग का एक पर्व है। यह संख्या का भी एक भेद है। काल का एक प्रमाण विशेष- देखें गणित - I.1।
पुराणकोष से
(1) पूर्वांग प्रमाणकाल में चौरासी लाख का गुणा करने से उपलब्ध संख्या प्रमाण काल यह संख्या का भी एक भेद है । महापुराण 3. 147,219
(2) आष्टाह्निक जिन-पूजा । हरिवंशपुराण - 18.99