आर्त्त अतिचार: Difference between revisions
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<span class="GRef">भगवती आराधना / विजयोदयी टीका / गाथा 612/812/6</span><p class="SanskritText"> .... रोगार्तः शोकार्तो, वेदनार्तः इत्यार्तता त्रिविधाः। ...... </p> | |||
<p class="HindiText"> रोग, शोक या वेदना से व्यथित होना - ऐसे आर्तता के तीन प्रकार हैं। इससे होने वाले अतिचारों को आर्तातिचार कहते हैं। .....</p> | |||
<p class="HindiText">अन्य अतिचारों के लिये देखें [[ अतिचार ]]।</p> | |||
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Latest revision as of 13:01, 7 March 2023
भगवती आराधना / विजयोदयी टीका / गाथा 612/812/6
.... रोगार्तः शोकार्तो, वेदनार्तः इत्यार्तता त्रिविधाः। ......
रोग, शोक या वेदना से व्यथित होना - ऐसे आर्तता के तीन प्रकार हैं। इससे होने वाले अतिचारों को आर्तातिचार कहते हैं। .....
अन्य अतिचारों के लिये देखें अतिचार ।