अर्चिमाली: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्थित किन्नरोद्गीत नगर का राजा । इसकी रानी प्रभावती से ज्वलनवेग और अशनिवेग नाम के दो पुत्र थे । इसने | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्थित किन्नरोद्गीत नगर का राजा । इसकी रानी प्रभावती से ज्वलनवेग और अशनिवेग नाम के दो पुत्र थे । इसने बड़े पुत्र को राज्य तथा प्रज्ञप्ति विद्या और छोटे पुत्र को युवराज पद देकर अरिंदम गुरु से दीक्षा धारण कर ली थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_19#80|हरिवंशपुराण - 19.80-82]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) अशनिवेग विद्याधर का आज्ञाकारी देव । इसने अशनिवेग की आज्ञा से राजा वसुदेव को हरकर विजयार्ध पर्वत पर कुंजराबर्त नगर के सर्वकामिक उपवन में | <p id="2" class="HindiText">(2) अशनिवेग विद्याधर का आज्ञाकारी देव । इसने अशनिवेग की आज्ञा से राजा वसुदेव को हरकर विजयार्ध पर्वत पर कुंजराबर्त नगर के सर्वकामिक उपवन में छोड़ा था । वायुवेग विद्याधर इसका साथी था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_19#67|हरिवंशपुराण - 19.67-71]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 11: | Line 11: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
(1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्थित किन्नरोद्गीत नगर का राजा । इसकी रानी प्रभावती से ज्वलनवेग और अशनिवेग नाम के दो पुत्र थे । इसने बड़े पुत्र को राज्य तथा प्रज्ञप्ति विद्या और छोटे पुत्र को युवराज पद देकर अरिंदम गुरु से दीक्षा धारण कर ली थी । हरिवंशपुराण - 19.80-82
(2) अशनिवेग विद्याधर का आज्ञाकारी देव । इसने अशनिवेग की आज्ञा से राजा वसुदेव को हरकर विजयार्ध पर्वत पर कुंजराबर्त नगर के सर्वकामिक उपवन में छोड़ा था । वायुवेग विद्याधर इसका साथी था । हरिवंशपुराण - 19.67-71