जंबूमाली: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> रावण का सामंत एवं पुत्र । यह संसार से विरक्त होकर मुनि हो गया । तूणीगति नामक महाशैल (पर्वत) पर इसने तपस्या की । मरकर यह अहमिंद्र हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 57.47-48, 60. 32-40, 80.137-138 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> रावण का सामंत एवं पुत्र । यह संसार से विरक्त होकर मुनि हो गया । तूणीगति नामक महाशैल (पर्वत) पर इसने तपस्या की । मरकर यह अहमिंद्र हुआ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_57#47|पद्मपुराण - 57.47-48]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_60#32|पद्मपुराण - 60.32-40]], 80.137-138 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ज]] | [[Category: ज]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
रावण का सामंत एवं पुत्र । यह संसार से विरक्त होकर मुनि हो गया । तूणीगति नामक महाशैल (पर्वत) पर इसने तपस्या की । मरकर यह अहमिंद्र हुआ । पद्मपुराण - 57.47-48,पद्मपुराण - 60.32-40, 80.137-138