दंडभूतसहस्रक: Difference between revisions
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<p> दिति और अदिति द्वारा नमि और विनमि विद्याधरों को प्रदत्त सोलह निकायों की विद्याओं में एक विद्या । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.65 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> दिति और अदिति द्वारा नमि और विनमि विद्याधरों को प्रदत्त सोलह निकायों की विद्याओं में एक विद्या । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_22#65|हरिवंशपुराण - 22.65]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
दिति और अदिति द्वारा नमि और विनमि विद्याधरों को प्रदत्त सोलह निकायों की विद्याओं में एक विद्या । हरिवंशपुराण - 22.65