दंडरत्न
From जैनकोष
चक्रवर्ती का एक निर्जीव रत्न । यह सेना के आगे चलता है । सगर के पुत्रों ने इसी से कैलास के चारों ओर खाई खोदी थी । महापुराण 29.7, पद्मपुराण - 5.247-250
चक्रवर्ती का एक निर्जीव रत्न । यह सेना के आगे चलता है । सगर के पुत्रों ने इसी से कैलास के चारों ओर खाई खोदी थी । महापुराण 29.7, पद्मपुराण - 5.247-250